tag:blogger.com,1999:blog-7689024986347301300.post1610193083519404179..comments2024-03-28T10:40:16.906+05:30Comments on HINDU Terminal...!: Quantum Physics came from the Vedas: Schrödinger, Einstein and Tesla were all Vedantists.Muskan Patelhttp://www.blogger.com/profile/02140703434941808452noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-7689024986347301300.post-80436845589776249852017-10-21T22:40:27.032+05:302017-10-21T22:40:27.032+05:30If anybody have more curiosity about the doctrine ...If anybody have more curiosity about the doctrine of Vedas then call me 9991105334Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09210786840419806414noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7689024986347301300.post-65485558379570435932016-07-27T14:45:39.799+05:302016-07-27T14:45:39.799+05:30This content creates a new hope and inspiration wi...<br />This content creates a new hope and inspiration with in me. Thanks for sharing article like this. 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हम हिन्दूराष्ट्र के सुपुत्र तुझे आदरसहित प्रणाम करते है। तेरे ही कार्य के लिए हमने अपनी कमर कसी है। उसकी पूर्ति के लिए हमें अपना शुभाशीर्वाद दे।<br /><br />4)अजय्यां च विश्वस्य देहीश शक्तिम, सुशीलं जगद्येन नम्रं भवेत्,<br />श्रुतं चैव यत्कण्टकाकीर्ण मार्गं, स्वयं स्वीकृतं नः सुगं कारयेत्।। २।।<br /><br />हे प्रभु! हमें ऐसी शक्ति दे, जिसे विश्व में कभी कोई चुनौती न दे सके, ऐसा शुद्ध चारित्र्य दे जिसके समक्ष सम्पूर्ण विश्व नतमस्तक हो जाये ऐसा ज्ञान दे कि स्वयं के द्वारा स्वीकृत किया गया यह कंटकाकीर्ण मार्ग सुगम हो जाये।<br /><br />5)समुत्कर्षनिःश्रेयसस्यैकमुग्रं, परं साधनं नाम वीरव्रतम्<br />तदन्तः स्फुरत्वक्षया ध्येयनिष्ठा, हृदन्तः प्रजागर्तु तीव्राsनिशम्।<br /><br />उग्र वीरव्रती की भावना हम में उत्स्फूर्त होती रहे जो उच्चतम आध्यात्मिक सुख एवं महानतम ऐहिक समृद्धि प्राप्त करने का एकमेव श्रेष्ठतम साधन है। तीव्र एवं अखंड ध्येयनिष्ठा हमारे अंतःकरणों में सदैव जागती रहे।<br /><br />6)विजेत्री च नः संहता कार्यशक्तिर्, विधायास्य धर्मस्य संरक्षणम्।<br />परं वैभवं नेतुमेतत् स्वराष्ट्रं, समर्था भवत्वाशिषा ते भृशम्।। ३।। ।। भारत माता की जय।।<br /><br />तेरी कृपा से हमारी यह विजयशालिनी संघठित कार्यशक्ति हमारे धर्म का सरंक्षण कर इस राष्ट्र को वैभव के उच्चतम शिखर पर पहुँचाने में समर्थ हो। भारत माता की जय।..<br /><br />अब आप ही विचार करे विचारधारा कैसी है... <br />जय हिंद...वन्दे मातरम्Yogesh Saxena Advocate speakshttps://www.blogger.com/profile/08822184768380664788noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7689024986347301300.post-60670503874200336632016-04-13T10:11:51.597+05:302016-04-13T10:11:51.597+05:30ओ३म् है परमपिता परमेश्वर का सर्वोत्तम नाम... जपलो ...ओ३म् है परमपिता परमेश्वर का सर्वोत्तम नाम... जपलो प्यारे ओ३म् का नाम...<br /><br /><br />ओ३म् परमेश्वर का सर्वोत्तम नाम है, क्योंकि इसमें जो अ उ और म् तीन अक्षर हैं वे मिलके एक 'ओ३म्' समुदाय हुआ हैं |<br /><br />इस एक से परमेश्वर के बहुत नाम आते हैं | जैसे---<br /><br />अकार से विराट्, अग्नि और विश्वादि |<br /><br />उकार से हिरण्यगर्भ, वायु और तैजसादि |<br /><br />मकार से ईश्वर, आदित्य और प्रज्ञादि |<br /><br />अथ ओंकारार्थः<br /><br />अकार-- (क) विराट (ख) अग्नि (ग) विश्व<br /><br />(क) विराट--<br /> जो बहु प्रकार के जगत को प्रकाशित करे, इससे 'विराट्' नाम से परमेश्वर का ग्रहण होता है |<br /><br />(ख) अग्नि--<br /> जो ज्ञानस्वरूप, सर्वज्ञ, जानने, प्राप्ति होने और पूजा करने योग्य है, इससे उस परमेश्वर का नाम 'अग्नि' है |<br /><br />(ग) विश्व--<br /> जिसमे आकाशादि सब भूत प्रवेश कर रहे हैं अथवा जो इसमें व्याप्त होके प्रविष्ट हो रहा है, इसलिए उस परमेश्वर का नाम 'विश्व' है |<br /><br />इत्यादि नामों का ग्रहण 'अकारमात्रा' से होता है ||<br /><br />उकार-- (क) हिरण्यगर्भ (ख) वायु (ग) तैजस<br /><br />(क) हिरण्यगर्भ--<br /> जिसमें सूर्यादि तेजवाले लोक उत्पन्न होके जिसके आधार रहते हैं इससे उस परमेश्वर का नाम 'हिरण्यगर्भ' है |<br /><br />(ख) वायु--<br /> जो चराSचर जगत् का धारण, जीवन और प्रलय करता और बलवानों से बलवान् है, इससे उस ईश्वर का नाम 'वायु' है |<br /><br />(ग) तैजस--<br /> जो आप स्वयं प्रकाश और सूर्य्यादि तेजस्वी लोकों का प्रकाश करने वाला है, इससे उस ईश्वर का नाम 'तैजस' है |<br /><br />इत्यादि नामार्थ उकार से ग्रहण होते हैं ||<br /><br />मकार-- (क) ईश्वर (ख) आदित्य (ग) प्राज्ञ<br /><br />(क) ईश्वर--<br /> जिसका सत्य विचार शील ज्ञान और अनन्त ऐश्वर्य है, इससे उस परमात्मा का नाम 'ईश्वर' है |<br /><br />(ख) आदित्य--<br /> जिसका विनाश कभी न हो उसी ईश्वर की 'आदित्य' संज्ञा है |<br /><br />(ग) प्राज्ञ--<br /> जो निर्भ्रान्त ज्ञानयुक्त, सब चराSचर जगत् के व्यवहार को यथावत् जानता है, इससे 'प्राज्ञ' ईश्वर का नाम है |<br /><br />इत्यादि नामार्थ 'मकार' से गृहीत होते हैं ||<br /><br />सहायक ग्रन्थ:--<br /> महर्षि दयानन्द सरस्वती रचित सत्यार्थ प्रकाश प्रथम समुल्लास ||<br /><br />नोट-- ईश्वर के १०० नामों की विस्तृत व्याख्या के लिए स्वयं सत्यार्थ प्रकाश पढ़े ||<br /><br />पं० युधिष्ठिर मीमांसक जी का विचार...<br /><br />"सत्यार्थ प्रकाश तो एक महान ग्रन्थ है, दूसरे शब्दों में वैदिक धर्म, मतमतान्तर एवं ज्ञान-विज्ञान का विश्व कोष है ||"<br /><br />ओ३म्...!<br />आर्य बनो ! आर्य बनाओ !!<br /><br />पाखण्ड खण्डण... वैदिक मण्डण... रिटर्न.....<br />https://m.facebook.com/Pakhand-Khadan-Vedic-Mandan-Return-178869722486474/Yogesh Saxena Advocate speakshttps://www.blogger.com/profile/08822184768380664788noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7689024986347301300.post-63010187996334204762013-11-29T22:48:29.505+05:302013-11-29T22:48:29.505+05:30We stumbled over here coming from a different web ...We stumbled over here coming from a different web address and thought I may as well check things out.<br /><br />I like what I see so now i'm following you.<br />Look forward to finding out about your web page yet again.<br /><br /><br />Here is my website ... <a href="http://fapturbo-2-review.blogspot.com/" rel="nofollow">Fapturbo 2.0 Review</a>Anonymousnoreply@blogger.com